
‘AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं, हम पार्टी का पुराना गौरव वा
पस लाएंगे’, बोलीं शशिकला
‘AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं, हम पार्टी का पुराना गौरव वा
पस लाएंगे’, बोलीं शशिकला
एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सीधी चुनौती देने के लिए यूपी के सियासी मैदान से आगाज करने की तैयारी में है. जेडीयू की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि अभी लोकसभा चुनाव दूर है, लेकिन नीतीश को उत्तर प्रदेश में फूलपुर और मिर्जापुर से भी लोकसभा चुनाव लड़ने का निमंत्रण मिला है.
यूपी की जिन लोकसभा सीटों से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चाएं हो रही हैं, वो दोनों ही सीटें पूर्वांचल के इलाके की हैं और पीएम मोदी के संसदीय सीट काशी के आसपास हैं. इसके अलावा दोनों ही सीटें कुर्मी बहुल मानी जाती है, जो नीतीश के लिए सियासी लिहाज से काफी मुफीद मानी जा रही है. इतना ही नहीं दिल्ली के सत्ता का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है, क्योंकि कुल लोकसभा सीटों में से 15 फीसदी सीटें यूपी में है. क्या यही वजह है कि नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हैं?
वहीं, एनडीए के साथ नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे हुए हैं. बिहार की तरह राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने फॉर्मूला तलाश रहे हैं. इसी के मद्देनजर नीतीश कुमार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सहित एक दर्जन से ज्यादा नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकता का तानाबाना बुनने की कोशिश करते नजर आए और अब यूपी से उनके चुनाव लड़ने की पठकथा लिखी जा रही है.
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