
‘AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं, हम पार्टी का पुराना गौरव वा
पस लाएंगे’, बोलीं शशिकला
‘AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं, हम पार्टी का पुराना गौरव वा
पस लाएंगे’, बोलीं शशिकला
कोरोना के कहर के बीच दुनिया में मंकीपॉक्स का भय देखने को मिल रहा है. यूरोपीय देशों में मंकीपॉक्स के अब तक करीब 100 केस मिल चुके हैं. इस बीच, लैसेंट रिसर्च में खून और गले के स्वैब के जरिए मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के बारे में बताया है. हालांकि अध्ययन में दावा किया गया कि इससे पहले मंकीपॉक्स इतने बड़े स्तर पर कभी नहीं फैला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटीवायरल दवाओं में से कुछ में मंकीपॉक्स के लक्षणों को कम करने और रोगी के संक्रामक होने के समय को कम करने की क्षमता हो सकती है.
द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में मंगलवार को प्रकाशित एनालिसिस के मुताबिक, ब्रिटेन में 2018 और 2021 के बीच दुर्लभ वायरल बीमारी से पीड़ित सात रोगियों के बीच किए गए एनालिसिस में ये बातें सामने आई हैं. ये मामले अफ्रीका के बाहर अस्पताल और घरों में होने वाले प्रसार के पहले कुछ उदाहरण हैं. अध्ययन के अनुसार, बीमारी के इलाज के लिए दो एंटीवायरल दवाओं – ब्रिनसीडोफोविर और टेकोविरिमैट के पहले ऑफ-लेबल उपयोग के लिए रोगी की प्रतिक्रिया के बारे में पता लगाया. स्टडी में इस बात के बहुत कम प्रमाण मिले हैं कि ब्रिनसीडोफोविर के क्लीनिकल लाभ मिले, लेकिन यह निष्कर्ष निकाला गया है कि टेकोविरिमैट की क्षमता का पता लगाने के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत होगी.
‘AIADMK सुरक्षित हाथों में नहीं, हम पार्टी का पुराना गौरव वा
पस लाएंगे’, बोलीं शशिकला
नोएडा: NTPC के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल, पुलिस से भी हुई झड़प
पाकिस्तान को सऊदी अरब ने दिखाया ठेंगा, तुर्की के लिए खोल दिया खजाना